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Ram Sahodar Patel

Inspirational Others

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Ram Sahodar Patel

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हिन्दी दिवस, प्रतिस्पर्धा नहीं उत्सव।

हिन्दी दिवस, प्रतिस्पर्धा नहीं उत्सव।

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अमरवाणी से जन्मी हिंदी हिंदुस्तान की।

डमरु शिव का स्वर देकर इसकी पहचान की।।

हिंदी दिवस चौदह सितंबर आया है अवसर।

इसे महोत्सव रूप दे पूर्ण करें अरमान की।।1।।


कोई भाषा हिंदी से स्पर्धा कर नहीं सकती।

इससे अनुपम अन्य भाषा हो नहीं सकती।

हिंदी है व्यापक विश्व में साम्राज्य है करता।

यह पूर्ण है तुलना किसी से हो नहीं सकती।।2।।


सभी छुटपुट भाषाओं की जननी है यही।

हम भारतीयों का सम्मान गौरव है यही।।

मुनि पाणिनि के व्याकरण से है सजा यह।

काव्य के अभिव्यक्ति का आधार है यही।।3।।


हिंदी अन्य सभी भाषाओं की रानी है।

चंदजनों को अंग्रेजी बनाई दीवानी है। 

टेक्नोलॉजी युग ने इंग्लिश को मान दिया।

पूर्ण संकल्प से हिंदी की उत्थान करानी है।।4।।


हम हिंद के निवासी हिंदी है पहचान।

प्रेम हमारा इससे गहरा यही हमारी शान।

सम्मान बढ़ाएं इसका यही हमारा नारा।

जन-जन की भाषा हिंदी हो, है यही अरमान।।5।।


दफ्तर के सब कामकाज हिंदी में करवाएं।

उत्थान कराए हिंदी को रोजगारोन्मुखी बनाएं। 

मातृभाषा हमारी है नाज हमें है हिंदी पर।

राष्ट्रभाषा के साथ जनभाषा इसे बनाएं।। 6।।


है सरस सरल भाषा समझ सभी को आती।

हर भारतीय के दिल में ऐक्यभाव प्रकटाती।

काव्याभिव्यक्ति में है सफल, सशक्त व न्यारा।

फिल्म,गीत, संगीत इसी में सबको भाती।।7।।


संवैधानिक भाषा है, इस्तेमाल आसान।

अनपढ़ भी बोले, इसे करें सहज पहचान।

मेलजोल की भाषा यह प्रेम प्रतीक कहाये।

जन मन को मोहित करें सीख सके आसान।।8।।


शब्दकोश अनंत हैं, भावनाएं अनंत हैं।

माधुर्य से ओतप्रोत सदाबहार बसंत है।

अनमोल उपहार यह उन्नति का द्वार यह।

साज है श्रृंगार है प्रसार्य दिग दिगंत है।।9।।


भाषा सभी महान है हिंदी फिर सरताज है।

भारत का कल्याण तभी हिंदी का राज है।

सहोदर भाव प्रकट करें इससे हो सब काज है।

शिव का कृपा पात्र मणियों का मणिराज है।।10।।



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