Ram Sahodar Patel

Inspirational

4  

Ram Sahodar Patel

Inspirational

नारी (स्त्री)

नारी (स्त्री)

2 mins
277


नारी तू अर्धांगनी कई तुम्हारा रूप।

माँ, बेटी है बहन तू, ममता का प्रतिरूप।।


बहू बने ससुराल की, बेटी बन पितु-मात।

पत्नी बन पतिदेव की, सेवत है दिनरात।।


सुत जन्मा जननी बनी, सहे प्रसव आघात।

दुःख-सुख सह संतान को, पाले ताम्बुल पात।। 


सदन दोउ रोशन करे, मैका- ससुरा गेह। 

सास-ससुर, माता- पिता करे सभी से नेह।।

 

घर में है गृह लक्ष्मी, रन में चंडी जान। 

भक्ति में मीरा बनी, पतिब्रत सीता मान।।


नारी प्रेम खदान है, देवी के समरूप।

प्रेममयी घर को रखे, करे स्वर्ग अनुरूप।


करो मान सम्मान यदि, जीवन सुखमय देत। 

अगर किया अपमान तो जीवन को हर लेत।। 


अक्षम इसे समझने की, कीन्ही यदि यूं भूल।

फिर तो तू मिट जाएगा, रावण के अनुकूल।।

 

नारी यदि खुश हो गयी, देव सभी खुश होय। 

स्वर्ग सा सुन्दर घर बसे, दूर विपत्ति सब होय।।

 

किसी क्षेत्र में कम नहीं, इनकी गणना होय।

पुरुषों से आगे सदा, क्षमता साहस दोय।।


इनके बिन संसार में, होवे न कोई काम। 

पुरुष न हो नारी बिना, न जग न कोइ धाम।।

 

सकल चराचर की जननि , मादा से नर होय। 

कहत सहोदर सुन सखा, पूजनीय यह होय।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational