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Anushka Sharma

Abstract

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Anushka Sharma

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हिंद का सपूत

हिंद का सपूत

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तू जब-जब एक ओंकार लगाएगा

हम भी एक दहाड़ लगा देंगे,

तुझ पर गिरते हर पर्ण को

शुभ नाम से तेरे सजा देंगे।

जिस घड़ी तू हिंद के नाम पर

अपना रक्त बहा देगा,

उस समय तेरे ही रक्त से हम

मस्तक पर तिलक लगा लेंगे।

तू वृक्ष बनें अटल जो खड़ा है

तो परहेज़ हम दहशत से रखते हैं,

तेरे पर्णों की ढाल में वास कर

हम राहत से जी लेते हैं।

तू सपूत इस धरा का है

तू आवरण इस माटी का

तू झलक रहा वतन के कणों में

है तू रक्षक भारत पर पड़ती हर लाठी का।


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