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દીપક પુરી"દર્દેદિલ"

Classics

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દીપક પુરી"દર્દેદિલ"

Classics

है गुनाह

है गुनाह

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तेरा मगरूर होना है गुनाह  

तेरा मशहूर होना है गुनाह 


कैफ़ शौहरत का तो ठीक है ,   

नशे मैं चकचूर होना है गुनाह  


हक़ बराबर का सबको मिले,

गरीबी दस्तूर होना है गुनाह 


भर पेट भोजन तो चाहिए ,

भूख से मजबूर होना है गुनाह 


आपका पास होना है सुकून,

'दर्दे दिल' आपसे दूर होना है गुनाह।


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