हां, मेरे सितारे भी चमकेंगे...!
हां, मेरे सितारे भी चमकेंगे...!
मैं वक्त के थपेड़ों से
निरंतर लड़ते हुए
स्व-परिधि को
अधिक सशक्त-सबल बनाने की
कोशिश में इतना
डूब जाऊंगा कि
मेरी मंज़िल को
मेरी तलाश होगी...!
मैं स्वयं को
स्वयं से अभिन्न रूप देने में
कोई कसर
बाक़ी नहीं छोडूंगा...
मैं चाहे तूफ़ान की
चपेट में आ जाऊं,
मगर मेंरे दिल में
एक क़सक़-सी जगी है
कि काश मैं
दुबारा अपने बचपन की
लड़कपन में
खो जाऊं...
जहां कोई भी
विध्वंसकारी रणनीति न हो
और न ही कोई
आपसी मतभेद के लिए
खाली जगह हो !
मगर ये कभी
मुमकिन होगा नहीं
और मैं भी अपनी
ज़िद पे आ अड़ा हूं
कि मुझे अपनी
असली पहचान बनानी है...
और मैं अपने मक़सद में
ज़रूर कामयाब होकर रहूंगा !!!
ये जग सुंदर है और
इस जग की सौंदर्य
अक्षुण्ण रखने में
मेरे बुलंद सितारे भी
मदद करेंगे...!!!
