हाँ हूँ मैं थोड़ी जिद्दी
हाँ हूँ मैं थोड़ी जिद्दी
हाँ हूँ मैं थोड़ी जिद्दी,
जन्म लेना है मुझे।
आशा की किरणें देखना है मुझे,
माँ की ममता को पाना है मुझे
और पिता की लाडली बनना है मुझे।
हाँ हूँ मैं थोड़ी जिद्दी,
अपनों का प्यार पाना है मुझे।
नानू की पुचकी, नानी की झली
दादा की हिरनी, दादी की बबली बनना है मुझे,
बुआ, माँसी, मामा, मामी, काका, काकी
सबकी रिश्तों की नींव बनना है मुझे।
हाँ हूँ मैं थोड़ी जिद्दी,
अपनी जिंदगी जीना है मुझे।
बचपन की लड़ाईयाँ, फिर झूठी नाराज़गियाँ सब दिखाना है मुझे,
यारो की यारियाँ, थोड़ी शरारत और नादानियाँ भी करना है मुझे।
हाँ हूँ मैं थोड़ी जिद्दी,
दुनिया मे अपना वजूद बनाना है मुझे।
समाज के उन पाबंदियों को मिटाना है मुझे,
सबके कंधे से कंधा मिला कर चलना है मुझे,
गुरु की प्रेरणा और आशीर्वाद से बढ़ना है मुझे,
इस धरती माँ का गर्व बनना है मुझे।
हाँ हूँ मैं थोड़ी जिद्दी,
जन्म लेना है मुझे।
हाँ हूँ मैं थोड़ी जिद्दी,
जन्म लेना है मुझे।