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Neha Chachra Behal

Inspirational

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Neha Chachra Behal

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गज़ल

गज़ल

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हम तो बैठे हैं कब से तेरी आस में

तिश्नगी बढ़ गई प्रेम की प्यास में


हर किसी को तो अपना बताते हो तुम

क्यों बुलाया हमें महफ़िल ए ख़ास में


ज़िन्दगी का हर इक मोड़ हँस कर जीयो

राम जी चल दिए जैसे बनवास में


होके नर तुम न अब यूँ निराशा धरो

हौसले हैं तो सब है तेरे पास में


जिसने जीवन गुजारा हो ईमान पे

राम बसते हैं तब उसकी हर सांस में


सौदा उल्फ़त का अपनी न करना कभी

 प्यार पल पल बढ़े तेरे एहसास में


अपनी 'चाहत' को जब तक बयां न करूँ

दिल ये उलझा रहे इश्क़ की फ़ांस में



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