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Amarnath Agarwal

Romance

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Amarnath Agarwal

Romance

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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देखा नहीं तुम सा, खुदा की कसम

हो शुभ शुभ शगुन सा, खुदा की कसम।


आँखों में तेरी, मक्का, मदीना

मन वृन्दावन सा,  खुदा की कसम।


झाँकती हो जब तुम, दिल में मेरे

निकलता है दिन सा, खुदा की कसम।


हकीकत यही कि तुम हो लाजवाब

नहीं झूठी प्रशंसा, खुदा की कसम।


तेरी देह छूकर, महकते चमन

तेरा मन सुमन सा, खुदा की कसम।


मिले हुस्न ही हुस्न, सफर में हमें

न मिला तुझ सनम सा, खुदा की कसम।


तुम पास जब तो, नहीं अजनबी जग

मुखड़ा हमवतन सा, खुदा की कसम।


आईं सकुचती, लिपटी फिर मुझसे

लिए अपनापन सा, खुदा की कसम।


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