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Neeraj Nainkwal

Inspirational

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Neeraj Nainkwal

Inspirational

Ghazal

Ghazal

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मेरा किसी से कोई भी रिश्ता नहीं

मतलब जो भी मेरा है वो मेरा नहीं


ये खुशियां आख़िर में तो ग़म ही देती हैं

टेबल पे वो कांटा है गुलदस्ता नहीं


कैसे हो पाए उनके घर बरकत भला

जिनके भी घर में कोई इक बिटिया नहीं


मुझसे जुदा होना भी मर्ज़ी है तिरी

ये रोना मेरा है तिरा रोना नहीं


इस ईद पर सब दोस्तों ने मिलना है

और बक्से में इक भी नया कुर्ता नहीं


सब रोना रो देते हैं सबके सामने

रोना ये है रोना कभी दिखता नहीं।


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