गाँव
गाँव
गाँव में चौपाल।
जाने सबका हाल।
परिचय सबसे बढ़े।
सभी लोग खुसहाल।
स्वच्छ वातावरण गाँव।
पीपल बरगद छाँव।
गरमी में ठंडी मिले।
सुस्साते लोग ठाँव।
प्रकृति की मनोरम छँटा।
सुबह शाम की घटा।
खेतों में लहराते फसलें।
हरियाली से है पटा।
सुंदर नीक व्यवहार।
घर आँगन दुआर।
मेला और बाजार।
गाँव मिलेंगे यार।।
माई-बाप का साथ मिले।
सुखों की बरसात मिले।
रिश्ता है यहाँ जिंदा।
सुख दुख सौगात मिले।
कोयल की आवाज।
मोर दिखे और बाज।
फूलों पर मँडराती तितली।
भँवरे की गुनगुनाये साज।
शीतल मस्त बयार चले।
प्रदूषण कभी नहीं पले।
तीज और त्यौहार भले।
मिलते सब लोग गले।
सुबह सुनहरे धूप मिले।
ठंडी का हम लेते मजे।
पेड़ पौधों की ताजगी।
रोज रोज इससे मिले।
अच्छी गाँव की झोपड़ी।
फुस की बँगला कोठी।
देते तन मन ताजगी।
गाँव सबको है भावती।।
