चिराग
चिराग
चिराग मन का जलाउ कैसे,
गीत खुशी के गाउ कैसे।
कदम कदम पे मौत खड़ी है,
साथी प्रीत निभाउ कैसे।।
डर लगता अपनी छाया से,
हार गया ठगनी माया से।
मन की बयथा सुनाउ कैसे।
बोझ अभागन बनी जिंदगी,
किस किस को मैं करू बंदगी।
नूतन सवपन सजाउ कैसे।।
कैसे सिंचू बनफूलो को,
बिसराउ कैसे भूलो को।
उजड़ा चमन बसाउ कैसे।।
खुशी नसीब हुई ना अबतक
फुसलाऊ मनवा को कबतक।
निर्भय तुझे रिझाउ कैसे।।
चिराग मन का जलाउ कैसे
गीत खुशी के गाउ कैसे।
