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एक सपने के पीछे

एक सपने के पीछे

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एक सपने के पीछे भाग रही हु मैं,

ना जाने यह सच होगा या नहीं।


फिर भी उम्मीद का मन में दीप जलाये चली जा रही हु मैं,

एक सपने के पीछे भाग रही हूँ मैं।


मेरा यह सपना सिर्फ सपना नही,

मेरी ख्वाहिश है यह है ये यह मेरी तम्मना।

या तोह बनेगा मेरे जीवन का सच,

या रहेगी सिर्फ एक कल्पना।


इस सपने को न जाने कितने दिनों से,

इन आँखों मे पाल रही हु मैं। एक सपने के.... ।


अँधेरी रात देखी है मैंने,

तोह उजले सवेरे को भी देखा है।


जलते दिये से फेली रौशनी देखी है,

तोह उसके तले छिपे अँधेरे को भी देखा है।


उसी रौशनी की एक किरण के लिए,

अंधेरो मई भी जाग रही हूँ मैं। एक सपने... ।


सपना क्या है ? जो चाहू उसे पल मे ही पा लेना,

सारी दुनिया को इन हथेलियों मे भर लेना।


यकीन है मुझे, अपनी लगन से इसे ज़रूर सच कर दिखाऊंगी,

पर डर है, की इस मतलबी दुनिया मे ना खो जाऊ कहीं।


इन लोगो का शिकार न हो जाऊ कही,

इन जेसी ही ना बन जाऊ कहीं।


एक सपने के पीछे भाग रही हु मैं,

ना जाने यह सच होगा या नहीं।


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