Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

एक दिन

एक दिन

1 min
14.2K


देखना ! एक दिन

बस हम दोनों ही रह जाएँगे

इस घोंसले में

देखना ! एक दिन

मैं कहूँगा तुमसे

अच्छा हुआ न

जो घोंसला बड़ा नहीं बनाया हमने

देखना ! एक दिन

इसी घोंसले की देहरी से

हम देखेंगे

दूर आसमान में

सितारों के तिनकों से बना

हमारे बच्चों का घोंसला

देखना ! एक दिन

अपनी नम आँखों से

मेरी तरफ देखते हुए

तुम ज़िद करोगी

वहाँ चलने की

और मैं कहूँगा

उड़ सकोगी

इतने प्रकाशवर्ष दूर


Rate this content
Log in

More hindi poem from Abhishek Padap

Similar hindi poem from Abstract