Ajay Mishra
Romance
मुझे छोड़ने की
वजह तो बता देते
मुझसे नाराज थे
या मुझ जैसे हज़ार थे।
नज़र
दूरियाँ
यकीन
मोहब्बतें
रिश्ता
अनदेखा सा जो अब पूर्ण हुआ वह सपना है। अनदेखा सा जो अब पूर्ण हुआ वह सपना है।
ये जो आँखे है तेरी, नजाकत भी है.. बग़ावत भी। ये जो आँखे है तेरी, नजाकत भी है.. बग़ावत भी।
आपकी हर बात न जाने क्यूँ हमें हंसाती हैं मुझे सुकून और चहरे पर मुस्कान दे जाती हैं! आपकी हर बात न जाने क्यूँ हमें हंसाती हैं मुझे सुकून और चहरे पर मुस्कान दे जात...
उफनते हुस्न ए सैलाब मुझे बहा न देना तुम। शराबी नजरों शबाब ए जाम डूबा न देना तुम। उफनते हुस्न ए सैलाब मुझे बहा न देना तुम। शराबी नजरों शबाब ए जाम डूबा न देना ...
विश्वास न टूटे तुम पर, उड़ा ले चल अपने झोंके में। विश्वास न टूटे तुम पर, उड़ा ले चल अपने झोंके में।
एक नया और प्यारा एहसास था वो कोचिंग का प्यार बहुत खास था. एक नया और प्यारा एहसास था वो कोचिंग का प्यार बहुत खास था.
ये है क्या टाइम पास या सच्चा आशिकाना। ये है क्या टाइम पास या सच्चा आशिकाना।
हवाएँ भी छू रही थी, रह रह कर हमें, पुरवाई ताकती थी, प्रीत की पुकार पे। हवाएँ भी छू रही थी, रह रह कर हमें, पुरवाई ताकती थी, प्रीत की पुकार प...
हमकदम बन तो चलो संग दो कदम। बदल गए हो तुम ! हमकदम बन तो चलो संग दो कदम। बदल गए हो तुम !
कैसे इस मन को समझाऊं मैं.. कब तक अपने ही दर्द को छुपा कर हँसती रहूँ मैं। कैसे इस मन को समझाऊं मैं.. कब तक अपने ही दर्द को छुपा कर हँसती रहूँ मैं।
अपना सब कुछ खो कर भी अपना सब कुछ मान लिया। अपना सब कुछ खो कर भी अपना सब कुछ मान लिया।
क्या कहूं और कैसे कहूं कि खूब सुकून मिला अपना ही नाम सुनकर। क्या कहूं और कैसे कहूं कि खूब सुकून मिला अपना ही नाम सुनकर।
कभी तो ख्वाबों से निकल कर कहो कि ये दिल हकीकत में तुम्हारे काबिल हैं. कभी तो ख्वाबों से निकल कर कहो कि ये दिल हकीकत में तुम्हारे काबिल हैं.
आत्मा का बंधन ये ईश्वर से परिचय करवाता है। आत्मा का बंधन ये ईश्वर से परिचय करवाता है।
कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा। कभी सारे जहां को हंसाने का दिल करता है।। कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा। कभी सारे जहां को हंसाने का दिल करता है।।
हे कृष्ण! तेरा मन मेरे बिन लगता क्यों नहीं, हे कृष्ण! तेरा मन मेरे बिन लगता क्यों नहीं,
मेरे सांवरिया मैंने तुम्हें अपने मन में पाया है ....... सब जानो मेरे मन की तुम! मेरे सांवरिया मैंने तुम्हें अपने मन में पाया है ....... सब जानो मेरे मन की तु...
क्या यही होता है हाल इश्क में इश्क हो जाने के बाद। क्या यही होता है हाल इश्क में इश्क हो जाने के बाद।
अपनी अहमियत बताने को, लड़ता हूँ उस से कभी कभी उसे मनाने को। अपनी अहमियत बताने को, लड़ता हूँ उस से कभी कभी उसे मनाने को।
ये उदासी का धुंध सहा नहीं जा रहा रास्ता भी बुला रहा लौट आओ अब। ये उदासी का धुंध सहा नहीं जा रहा रास्ता भी बुला रहा लौट आओ अब।