STORYMIRROR

Krisdha Singh

Abstract Inspirational

4  

Krisdha Singh

Abstract Inspirational

दुनिया

दुनिया

1 min
479

होती है एक दुनिया खत्म जहां,

क्या पता वहीं से शुरु हो दूसरा जहां कोई।


इस दुनिया में छुपे हैं राज कई, 

क्या पता कोई राज दफन हो वहां कहीं।


 इस दुनिया में इंसान कई,

तो होंगे इस दुनिया में भी प्राण कहीं। 


इस दुनिया में होते हैं एहसास कई, भाव कई, 

क्या पता होते हो वहां भी आभास कई।

 

इस दुनिया में है रंग कई,

तो वहां भी होंगे राग कई।


संगीत से गुंजित है यह दुनिया,

तो वहां भी होगी मधुर पुकार कोई।


धरती पर बसी है दो दुनिया,

पहली है यह भूमि मेरी, दूसरी जल के भीतर है,

कर दो ना इसे नजरंदाज कहीं।


होती है एक दुनिया खत्म जहां,

क्या पता वहीं से शुरु हो दूसरा जहां कोई।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract