दुख बदलेगा सुख में
दुख बदलेगा सुख में
अपने ह्रदय में रखना, खुशी का दीप जला कर
सुख दाता को रखना तू, अपना साथी बनाकर
सुख दुख का ये खेल, सदियों से चलता आया
किए हुए कर्मों के फल से, कोई बच ना पाया
तेरे जीवन में कोई दुख, अगर कभी भी आया
समझ ले अपने कर्मों का, तूने हिसाब चुकाया
कोई भी दुख सदा के लिए, डेरा नहीं जमायेगा
हिसाब चुकाते ही वो, उल्टे पाँव लौट जायेगा
दुख का स्वागत करना, अपना शीश झुका कर
बदल जायेगा सुख में, इक दिन वो शर्मा कर