STORYMIRROR

Asmita prashant Pushpanjali

Romance

2  

Asmita prashant Pushpanjali

Romance

दुआ

दुआ

1 min
342


ये मेरे आशिक

तू बना जो शायर

मेरे इश्क में

तो भी तेरी कोइ ख़ता नहीं

क्यूंकि इश्क ही है

खुद में मुकम्मल शायरी।


ये मेरे आशिक

तू गाये भी जिंदगी के तराने

मेरी मोहब्बत में

तो भी तेरी कोई गुस्ताख़ी नहीं

क्यूंकि मोहब्बत ही है

खुद में मुक्कमल तराना।


ये मेरे आशिक,

तू लिखे जो कोई गज़ल

मेरी हसरत में

तो भी तेरा कोई कुसूर नहीं

क्यूंकि दिदार ही दिलबर का है

खुद में एक गुनाह।


ये मेरे आशिक

तेरी हर ख़ता

तेरी हर गुस्ताख़ी

तेरा हर कुसूर

माफ है मेरी नज़रों में

क्यूंकि तू दुआ है

मेरे इबादद की...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance