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Mishti Mondal

Abstract

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Mishti Mondal

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दोस्ती

दोस्ती

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ना ख़ून का रिश्ता ना मतबल का रिश्ता

 कुछ यूं अलग है दोस्ती का रिश्ता


 यक़ीन नहीं आज़मा के देखो

 दोस्ती का मोहर हर रिश्ते में लगा के देखो

 माँ और फ़िर प्यार हो जायेगा

 पिता के हर ख़ुशी तुमको भायेगी

 बहन भाई दोस्ती हो

 रिश्ते और भी गहरी हो जाएगी

 पति से दोस्ती कर लो तो

 रिश्ते जिंदगी भर साथ निभायेंगे


 दोस्ती गर सिर्फ़ दोस्तों से नहीं

 हर रिश्ते में अजमाय न तो

 बात अलग ही हो फिर रिश्तों की

 यह बस अगर लोग समझ सकते तो


 हर रिश्तें में कुछ बंदिशें होती है

 सबकी अपनी तमन्ना होती है

 पर दोस्ती को बात ही निराली है

 बस दिल के साफ मुश्किल में साथ देनी वाली है


 आज फ्रेंडशिप डे पे हर हर दोस्त को दिल से सलाम

 जिसने दोस्ती की अनौपचारिकता सिखाए

 और वही ख़ुशी और विश्वास से

 मैंने अपने सारे रिश्ते निभाए


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