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Neeraj Samastipuri

Romance

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Neeraj Samastipuri

Romance

"दोस्ती, शरारत और तेरी याद

"दोस्ती, शरारत और तेरी याद

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वो शरारत,

वो बचपना,

वो नोंक-झोंक तुम्हारा

वो कलम का चुभाना,

कलम का गिरना,

उसी कलम से,

फ़िर कॉपी पे घसना

गुस्से से मुझ पे

वो तेरा हक जताना

हक दिखा के मुझ पे

तेरा तस्सली को पाना

तस्सली को पा के

तेरा शर्मा सी जाना

सच में,

तेरी ही तरह खूबसूरत है तेरी वो नादानियाँ

याद आएंगे जब तक है मेरी ये जिन्दगानियाँ


वो मोटी मोटी कह के आपको चिढ़ाना

दूसरों से भी वो मोटी मोटी बुलवाना

था वो सारा खेल हमारा

पर छुप जाता था किसी का नाम ले के यारा

बात बात पे आपको घुमाना

कुछ ऐसी छोटी हरकत करना

जिस से आपका चिढ़ सा जाना

चिढ़ने के बाद, वो मुक्के से मारना

मुक्के के बाद, तेरा मुस्कुराना

मुस्कुराते हुए नजरें ऐसे हटाना

हटा के फिर से तेरा नजरें मिलना

मिला के नजर को नजारा दिखाना

जैसे चाहती थी तू मेरा जान ही लेना

सच में,

तेरी ही तरह खूबसूरत है तेरी वो नादानियाँ

याद आएंगे जब तक है मेरी ये जिन्दगानियाँ


वो खास समय मेरे लिए निकलना

फोन पे बार बार मुझको समझाना कि

होता है प्यार का बार बार ही होना

मुझे देखो, प्यार तुम्हें दोबारा नजर आना

बहुत बहुत शुक्रिया ए मेरे दोस्त,

वो पिघलाना, मुझको आहिस्ता आहिस्ता

वो समझाना, मुझको आहिस्ता आहिस्ता

मैं अगर भटक जाऊं फिर से कभी कहीं तो

वो राह दिखाना मुझको आहिस्ता आहिस्ता

हफ्ता हफ्ता तेरा मेरा मिलन का होना

राफ़ता राफ़ता मुझे जलन का होना

कांपता कांपता तेरा नाम का लेना

हँसता हँसता बदनाम का होना

सच में,

तेरी ही तरह खूबसूरत है तेरी वो नादानियाँ

याद आएंगे जब तक है मेरी ये जिन्दगानियाँ।।


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