दोस्त
दोस्त
दोस्त तो बहुत होते हैं
लेकिन साथ बहुत कम देते हैं
दोस्ती करनी है तो
कृष्ण और सुदामा की तरह करो।
कृष्ण साथ ना होते हुए
सब कुछ सुदामा को दे देते हैं।
दोस्ती करनी है तो कर्ण
और दुर्योधन की जैसी हो
कर्ण जानता था अंत क्या होगा
फिर भी दोस्ती के लिए
अधर्म का साथ देता है।
दोस्ती में जरूरी नहीं कि साथ हो
लेकिन गहरा विश्वास हो।
