दोस्त जब दुश्मन होगा
दोस्त जब दुश्मन होगा
वो भी क्या मंजर होगा,
मेरे दोस्त तू मेरा दुश्मन होगा।
मेरी हर कमजोरियों पे वार करेगा,
मुझे तन्हा और ख़ुद को बर्बाद करेगा।
दोस्ती का नाम तू बदनाम करेगा,
पीठ में खंजर और विश्वास तार तार करेगा।
दुनियां देखेगी फिर क्या अंजाम होगा,
दोस्ती में दुश्मनी का क्या परिणाम होगा।
तू मुझको खत्म करके ख़ुद ही मिट जाएगा,
नाम मेरा हो जाएगा और तू कातिल ही कहलाएगा।।
तू जानता है मुझे मैं, तुम्हें चोट नहीं पहुंचा सकता,
तू आज दुश्मन है मेरा कल दोस्त था।
ज़बाब बराबर दे सकता हूं तुम्हे पर दे नहीं पाऊंगा..
मर जाऊंगा तुम्हे मार नहीं पाऊंगा!
