धिक्कार
धिक्कार
धिक्कार तुम्हें तुम पुरुष बने,
और ऐसा गंदा काम किया।
कोख फाड़ कर तेरी मां ने,
क्यों न तुझको मार दिया।
अपने विचार पर अंकुश न,
औरों में दोष गिनाते हो।
खुद को शर्म नहीं आती,
लोगों को ज्ञान सिखाते हो।
संस्कार की कमी वजह है,
जिससे मर्यादा पार किया।
कोख फाड़कर तेरी मां ने,
क्यों न तुझको मार दिया।
क्यों केवल बेटों को ही,
सदा सराहा जाता है।
क्यों केवल बेटी को ही,
कोख में मारा जाता है।
माता बहनें बहू बेटियों का,
जिसने अपमान किया।
कोख फाड़कर कर उसकी मां ने,
क्यों न उसको मार दिया।
मेरी बेटी मान हमारा,
ऐसा कहने वालों को।
पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां
नारा देने वालों को।
क्यों नहीं दिखाई देता है,
कि कितना गंदा काम किया।
कोख फाड़कर तेरी मां ने,
क्यों न तुझको मार दिया।
मेरी बेटी पढ़ लिख कर,
एक दिन परचम लहराएगी।
धरा, गगन और अंतरिक्ष में,
अपना शौर्य दिखाएगी।
जिस जलनखोर को जलन हुई,
उसने ये गंदा काम किया।
कोख फाड़कर उसकी मां ने,
क्यों न उसको मार दिया।
