STORYMIRROR

Monika Rawat

Inspirational

3  

Monika Rawat

Inspirational

दहेज से करो परहेज़

दहेज से करो परहेज़

1 min
201

दहेज एक ऐसी बीमारी है

चिंतित हैं हर वो ग़रीब माँ-बाप

जिनकी बेटी अभी कुँवारी है।

डर है उन्हें बाद भी शादी के

कहीं हाल न सुनने पड़े बेटी की बर्बादी के।

फैलती समाज में क्यों ये बुराई है?

नारी है शिक्षित उसमें हर अच्छी है।


घर के आँगन की तुलसी से

बड़े बड़े दफ्तरों की कुर्सी तक

कहीं समाज सेवा का रूप

तो कहीं राजनीति की लड़ाई।

पाया सेना पुलिस में शौर्य

तो कायम की अन्तरिक्ष भी ऊँचाई।

लिखी पुस्तक,कविता और कई कहानियाँ

तो बनी बड़े बड़े राज्यों की रानियाँ।

छुआ गगन को तो नाप की समुद्र की भी गहराई।

तो क्या नारी में है अब बुराई?


गर नही,

तो समाज में आज भी जलती क्यों बहु है?

ससुराल में आज भी क्यो उनका बहता लहू है?

तो आज के युवा वर्ग संकल्प लें आप।

दहेज़ लेना और देना भी है महा पाप।

दहेज़ से करो परहेज

दहेज़ से करो परहेज

तभी बनेगी जिंदगी फूलों की सेज

तभी बनेगी जिंदगी फूलों की सेज।

नारी को दें पूर्ण सम्मान

बढ़ाएं सबका मान।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational