मेरा वतन
मेरा वतन
केसरिया चुनर रंग दी,धरती हरी भरी कर दी
आज़ जोश से फिर तिरंगा लहराया है
नतमस्तक उन्हें जिन्होंने दिन ये दिखलाया है
ख़ुश-उमंग है ज़मीन,खिला-खिला गगन है..
जांबाज़ वीर शहीदों को कोटि कोटि नमन है..
लिया जन्म जिस भूमि में श्री राम ने
रची लीला मुरली मनोहर ने
किया दुराचार अधर्म का अंत
दिखाया सच्चाई और धर्म का पथ।
ऐसी भूमि वंदनीय है..
मेरे वतन की भूमि वंदनीय है..
हो जिसका मुकुट विशाल हिमालय
हो जहाँ कश्मीर की मोहित वादी
संगम गंगा जमुना का करता हो शहर इलाहाबादी
हो जिस भूमि पर हो याद का ताजमहल
ऐसी भूमि सुशोभनीय है..
है मेरे वतन की भूमि सुशोभनीय है..
मि
लता हो जहाँ असत्य पर सत्य की जीत का प्रमाण
हो जहाँ गाँधी, पटेल, बोस की निराली शान
दिया हो आजाद, भगत सिंह, सुखदेव ने बलिदान
प्यारा तिरंगा हो जिसकी पहचान
ऐसी भूमि स्मरणीय है..
मेरे वतन की भूमि स्मरणीय है..
मिलते हो जहाँ गीता के उपदेश
नानक, बुद्ध के संदेश
हो जिस भूमि पर अनेक भाषाओं
रीति-रिवाजों का समावेश
ऐसी भूमि महान है..
मेरे वतन की भूमि महान है..
जहाँ वीर सैनिक हँस-हँस कर
देते अपने प्राणों का बलिदान है
जहाँ आने को शत्रु भी ख़ौफ़ज़दा
थर्राते उनके हौसले व प्राण हैं
ऐसी भूमि हमारी आन बान शान है..
हमारे वतन की भूमि हमारी आन बान शान है।