धड़कन
धड़कन
बेखबर मेरी साँसो की तरह मेरे दिलो जान में बसती है।
रहेगी मेरी साँसो के साथ हमेशा, मुझे इसका एतबार भी है।
चोट पहुचाती है मुझे, देती है दर्द भी मेरे दिल को।
फिर भी बेवजह मुस्कुराता हूँ अक्सर, मुझे तेरी यादों पर गुमान भी है।
तेरी यह खूबसूरत आँखे छेड़ती रहती हैं दिन भर मुझे।
उन मदहोश आँखो में ही डूबा रहूँ हर पल, यह मेरा अरमान भी है।
भूल जाता हूँ सबकुछ तुझे अपनी बाहों मे समेट कर।
उस वक़्त होश में रह जाना, एक मेरा गुनाह भी है।
डरता हूँ दूर ना हो जाए तू मुझसे कभी।
हूँ जब तक रहूँ पास, तेरा मेरा साथ दूसरे जहान भी है।
बयां करूँ भी मैं क्या कैसे, क्या है तू मेरे लिए।
तू ही मेरी जमीन, मेरा आसमान भी है।
तेरी खुशबू को अपना बना लिया है मैंने।
अब तू ही मेरा घर, तू ही मेरी पनाह भी है।
रखता हूँ रातों को तुझे पलकों में समेटे कि रह जाए तू पास ही कहीं।
क्योंकि वापिस आना तुझे सुबह पहली धड़कन के साथ भी है।
जब जुड़ती हैं तेरी साँसे मेरी साँसो से, नही रहता मैं इस जहान का।
तेरी उन साँसो में फनाह हो जाना, मेरा एक ख्वाब भी है।
रूठून्गी झगडून्गी तुमसे, और मान भी जाऊंगी मनाने पर तुम्हारे।
वादा ये तेरा सोचो तो है मुश्किल, वरना आसान भी है।