देश भक्ति
देश भक्ति
कैसे निष्पक्ष उन्हें समझूँ इतिहास बराबर लिखा नहीं।
अकबर महान दिखा जिन्हें राणा का पौरुष दिखा नहीं।
बिना खड़क बिना ढाल के मिली आजादी लिख डाला।
इन सियासी भेड़ियों ने मेरे प्यारे शेखर को भी आतंकी तक कह डाला।
