चलते चलते
चलते चलते
ज़िन्दगी की गाड़ी बस चलती ही जा रही थी,
घूम कर इसके पहिए अपने आप आगे जा रही थी।
ज़िन्दगी की मंज़िल का कोई पता नहीं था इसे,
किस दिशा में चले, कोई खबर ना थी इसे।
ज़िन्दगी की सफर यूं ही आगे चलती गई,
रस्ते के हर मोड़ पर, मिले इसे मौके तो कई।
कहाँ पर रुकें और मिले अवसर को पकड़ें,
समझ नहीं पाएं और बस चलते ही गए।
चलते चलते मिल गाया एक ऐसा संयोग,
जिसका बस मुझे करना था सही उपयोग।
मौका मिला मेरे रचनात्मक कक्ष को खुलने का,
खुद के आत्मविश्वास को बल देने का।
'स्टोरी मिरर' ने दिखाया एक नया सवेरा,
और मेरे इस ज़िन्दगी से हटाया अंधेरा।
इत्तिफ़ाक़ से ही सही, मौका मिला है मुझे,
ज़िन्दगी बदलने की, बस कोशिश करनी है मुझे।