चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।
ऊँचे पहाड़ो पे उठता हुआ मैं,
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।।
नीचे है घाटी या कोई समंदर,
गहराई में गिरता चला जा रहा हूँ।।
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।।
हरी सी वो चादर जो खुद में लपेटे,
मैं भूरा सा भूधर चला जा रहा हूँ।।
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।।
वो कानन, कुसुम और कोमल से नभचर,
लिए ऊँची उड़ाने, चला जा रहा हूँ।।
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।।
वो नाचते निर्झर, वो नीर निरंतर,
मैं कल कल की गुंजन चला जा रहा हूँ।।
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।।
ये धूसर सा ओढ़न जो घेरे गगन को,
मेघों में भीगता मैं, चला जा रहा हूँ।।
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।।
वो श्वेत सी चादर में हिमखंड झरोखे,
मैं पहले किरण बन चला जा रहा हूँ।।
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।।
है साथी जो पथ में, वो साथ समान्तर,
कर में, मैं, कर कर चला जा रहा हूँ।।
चला जा रहा हूँ, चला जा रहा हूँ।।
