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Ashutosh Shrivastwa

Abstract

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Ashutosh Shrivastwa

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चल जिंदगी

चल जिंदगी

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चल जिंदगी

चलते हैं, ढूंढ़ते हैं

एक नया आशियाना तेरे लिए

इस शोर से कुछ दूरी पे


चल निकलते हैं साथ इस गर्मी में,

चिलचिलाती धूप में

की कहीं दिख जाए,

किसी शांत घर की बालकनी में

एक " to-let " का बोर्ड।


फिर तय करेंगे मकानमालिक से,

किराए की बात 

"बताओ एक महीने के खुशियों का किराया "

"क्या सुकून के लिए अलग मीटर लगा है ?

या वो किराए में शामिल है।"


फिर वहां बिताएंगे कुछ वक़्त,

एक दूसरे के साथ

बालकनी में बैठकर

लेकर हाथों में हाथ 

मुस्कुराएंगे

चल जिंदगी

चलते है, ढूंढ़ते हैं

एक नया आशियाना तेरे लिए।


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