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swathi magendran

Romance

3  

swathi magendran

Romance

चल चित्र

चल चित्र

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अपने प्यार का इज़हार करने के लिए ,

मैं तुझसे मिलने निकल गयी थी ,

दिल थोड़ा बेचैन हो रहा था,

पर दिमाग में पूरी तैयारी चल रही थी,


डर है अँधेरे से मुझे,

इसलिए थिएटर में जाते ही थोड़ा सहम गई थी,

पर तुझसे मिलने की ख़ुशी में हिम्मत जुटा कर ,

अपनी उस कुर्सी तक चली गई थी.. 


अपना हाथ तेरे हाथ में देके,

काश! अपने दिल को सुकून दिला पाती,

काश तेरे कंधो को सिरहाना बना कर,

अपने सिर को आराम दिला पाती, 


तेरी बाहों को अपनी बाहों में समेट कर,

काश! अपने प्यार का तुझे एहसास करा पाती,

तेरे उन प्यार भरे लफ़्ज़ों को मैं ,

काश! कभी अपने लिए सुन पाती.. 


ना जाने क्यों उस दिन की ख़ुशी,

पूरी होकर भी अधूरी थी,

तू बैठा तो मेरे इतने करीब था,

ना जाने क्यों फिर भी दूरी सी थी.. 


चेहरे पे मुस्कान तो बड़ी सी थी लेकिन,

दिल के आंसुओं को रोकना मुश्किल हो रहा था,

तेरे इस पार मैं दोस्त बनकर बैठी थी,

तेरे उस पार कोई और तेरा प्यार बनकर बैठा था 



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