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Ra one

Inspirational

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छुटपुट सपने

छुटपुट सपने

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छुटपुट सपने की अँगड़ाईया

लिया बचपन,

पतंगों से सपनों की उड़ान

और ऊँचाईयाँ लिया बचपन !


मीठी गोली से खुश हो जाता मन,

रोते रोते रोना भूल जाता अक्सर !

बस एक अच्छी उम्मीद पर,

कोहनी से धकेल कभी,

तूफान मे समेट कभी !

चल चलते है उस पार

जहा बड़े लोग जाने से डरते हैं !


किये ऐसे करामात कभी,

जो अच्छे अच्छे ना कर पाए !

ग़लतियाँ की भी तो सुधार कर,

दुनिया बसा दे !


ये हुनर बचपन का होता है

उसमें इंसान तो इंसान गुड्डे

गुड़ियों का भी घर होता है !



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