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The Tatva Girl

Abstract

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The Tatva Girl

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चांदनी है वो

चांदनी है वो

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रात का सन्नाटा तुमसे है खिल जाता 

उसके मिलने का एहसास बस यूं ही है हो जाता


चांदनी है वो जो साथ निभाना जानती है 

खुद में समा लेने का हुनर भी खूब पहचानती है 


हर जज्बात को अपने आगोश में यूं ही नहीं कोई छिपाता

चांदनी है वो जो दर्द में सुकून देना जानती है 


यूं कतरा कतरा भीनी रोशनी बिखेर जाती है

सूरज की जिम्मेदारी को रातों में निभाती है


चांदनी है वो जो अक्सर मुझसे मिलने चली आती है।


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