चांद गायब हो गया
चांद गायब हो गया
दौड़ता फांदता तारा आया है,
बोला पकड़कर सूरज का हाथ।
देखो ना चांद गायब हो गया,
ढूंढने चलो उसे मेरे साथ।
सूरज दादा चंदा ढूंढने को,
तारों के ,फौज में शामिल हो गए।
और पृथ्वी पर रात देख,
सारे लोग खा कर सो गए।
सारे तारे आसमान घेर कर,
लगे चांद...चांद..चिल्लाने।
चांद का कोई जवाब ना आया,
तो सभी लगे दिमाग लगाने।
कोने में लगा कुछ चमचम सा,
तो सभी को लगा कुछ खास।
सभी साथ मिलकर धीरे धीरे,
जाने लगे उसके पास।
सभी जब उसके पास गए तो,
कोरोना के पास चांद पाया गया।
चांद को ले कोरोना कोने से भागा,
यह देख सभी का मन घबराया।
कोरोना के पीछे सब जमीन पर उतरे,
वहां लिखा हुआ था मंगल।
कोरोना को गर्मी जब अच्छा लगा,
तो बोला कर लो मुझसे तुम दंगल।
तारा अपने कुछ फौज को भेजा,
वो छिकते छिकते हो गए बेदम।
दो-चार तारे और गए
तो तोड़ दिया वह अपना दम।
सूरज जी को तरकीब सूझी,
बादल जी को पत्र भिजवाए।
कुछ देर के बाद बादल भैया,
सैनिटाइजर का पूरा टैंक लाए।
सैनिटाइजर का छिड़काव हुआ,
तो मर गया कोरोना सारा।
सभी खुशी से लगे चिल्लाने,
हम जीते कोरोना हारा।