वसंत आया रे!
वसंत आया रे!
फरवरी के महीने में,
बसंत के स्वागत में ।
सारा जग झूम रहा,
अब इंतजार ना हो रहा।
आते ही मन को भाया रे!
मनमोहक वसंत आया रे!
सारे फूल चहक रहे,
सारी बगिया महक रहे।
तितलियां कर रही मटरगश्ती,
मधुमक्खियों भी साथी संग मस्ती।
अब भौंरे का मन हर्षाया रे!
मनमोहक वसंत आया रे!
खेतों में फसलें मस्त मगन में,
हवाओं संग लहरा रही।
सारी दुनिया में हरियाली के बीच,
सरसों के फूल खेत को सजा रही।
यह देख पक्षी भी फूले न समाया रे!
मनमोहक बसंत आया रे!
पतझड़ के जाते-जाते ,
हर पेड़ पर नए पत्ते आते।
चिड़िया सभी नए घोंसले बनाते हैं,
सभी पर है खुशियां छाती।
देखो तो सारा जग खुशी का गीत गाया रे!
मनमोहक बसंत आया रे!
हर नदी तालाब नहर और पोखर,
फूलों से ढक चुके हैं।
पानी में मछलियां नाच गा रही,
नाचने में कोई ना चुके हैं।
खुशी से मेंढक भी इतराया रे!
मनमोहक बसंत आया रे!
देखो सबके मन को भाया रे!!