Tanya Goyal
Abstract
कुछ तो चाहत होगी,
इन बारिशों की
बूंदों की भी।
वरना
कौन गिरता है
इस जमीन पर,
आसमान तक
पहुंचने के बाद ?
आत्मविश्वास
हँसना रोना
वक़्त
अच्छाई हर कोन...
यादगार बदलाव
भाई
बढ़ती उम्र
उपाय का पुलिं...
जिंदगी
बूंदें
गगन रात भर सुबक सुबक कर जलता होगा, मदहोश शहर जब आतिशबाजी करता होगा, गगन रात भर सुबक सुबक कर जलता होगा, मदहोश शहर जब आतिशबाजी करता होगा,
पाता वहीं जिसका भाग्य सघन है । और अनवरत उद्यम उन्नयन में है पाता वहीं जिसका भाग्य सघन है । और अनवरत उद्यम उन्नयन में है
मेरे मन की अगणित पीड़ा का एक जलसा होने वाला है। मेरे मन की अगणित पीड़ा का एक जलसा होने वाला है।
बरसात अच्छे समय पर होती है तो अर्थव्यवस्था को गति है देती, बरसात अच्छे समय पर होती है तो अर्थव्यवस्था को गति है देती,
हम सबको साथियों देना है साथ सामूहिक यात्रा का ! हम सबको साथियों देना है साथ सामूहिक यात्रा का !
मैं बहारों के लिए पैदा हुआ हूँ। इन नज़ारों के लिए पैदा हुआ हूँ। मैं बहारों के लिए पैदा हुआ हूँ। इन नज़ारों के लिए पैदा हुआ हूँ।
हर मन में आया है उमंग, जन -गण मन, यह मेरा वंदन। अभिनंदन -अभिनंदन। हर मन में आया है उमंग, जन -गण मन, यह मेरा वंदन। अभिनंदन -अभिनंदन।
जो उमंग न हो जीने की तो जीवित होने का प्रमाण मैं कैसे दूँ ? जो उमंग न हो जीने की तो जीवित होने का प्रमाण मैं कैसे दूँ ?
इतिहास के पन्ने है सहनशीलता पर बने आकृति है एक जाति के समृद्धसाली ऐश्वर्य है। इतिहास के पन्ने है सहनशीलता पर बने आकृति है एक जाति के समृद्धसाली ऐश्वर्य है।
लहर लहर लहर रही हवा भी आज कह रही, चल रही है संग संग झूमते धरा गगन। लहर लहर लहर रही हवा भी आज कह रही, चल रही है संग संग झूमते धरा गगन।
लोकतंत्र कुछ मुट्ठियों में कैद है सभ्यता का अनादर हो रहा है पाखंड बहुत शक्तिशाली है। लोकतंत्र कुछ मुट्ठियों में कैद है सभ्यता का अनादर हो रहा है पाखंड बहुत शक्...
कुदरती खूबसूरत सा होता माँ का आशीर्वाद। कुदरती खूबसूरत सा होता माँ का आशीर्वाद।
राष्ट्रीयता इसको मिले, यही हिंद उपहार। आओ सब मिलकर भरें, इसमें नव संस्कार। राष्ट्रीयता इसको मिले, यही हिंद उपहार। आओ सब मिलकर भरें, इसमें नव संस्कार।
चलों अपनी बातें खुद से करते हैं कैसी कसम कस। चलों अपनी बातें खुद से करते हैं कैसी कसम कस।
तेरी आँखो की रोशनी जरूर लौटाऊंगा। माँ ! मैं लौटकर आऊँगा। तेरी आँखो की रोशनी जरूर लौटाऊंगा। माँ ! मैं लौटकर आऊँगा।
जो रहते हैं शांत वे न होते क्लांत, जिंदगी जीते हैं बड़ी ही टाप की। जो रहते हैं शांत वे न होते क्लांत, जिंदगी जीते हैं बड़ी ही टाप की।
स्वर्णिम पट की आभा से होता, धरा पर नव जीवन संचार। स्वर्णिम पट की आभा से होता, धरा पर नव जीवन संचार।
मिले किसी की भी सच्ची प्रशंसा करने का सुअवसर तो यह मौका कभी चूको मत मिले किसी की भी सच्ची प्रशंसा करने का सुअवसर तो यह मौका कभी चूको मत
ये कस्तूरी मृग की धरती है जीव यहाँ कई सारे, पक्षी भी कई विविध यहाँ पर फूल बड़े ही प्यार ये कस्तूरी मृग की धरती है जीव यहाँ कई सारे, पक्षी भी कई विविध यहाँ पर फूल बड़े...
क़ाफ़िए में फर्क़ हो तो रहने दीजिए ‘अभि’ एक ही मगर तेरा रदीफ़ ‘होना चाहिए’। क़ाफ़िए में फर्क़ हो तो रहने दीजिए ‘अभि’ एक ही मगर तेरा रदीफ़ ‘होना चाहिए’।