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कुमार संदीप

Inspirational

4.3  

कुमार संदीप

Inspirational

बुरी लत छोड़ मनुज

बुरी लत छोड़ मनुज

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हे मनुज!

मत भूल तू

ज़िंदगी है अनमोल

पहचान ले तू यथाशीघ्र

ज़िंदगी की एहमियत


बुरी आदतें छोड़ शीघ्रातिशीघ्र तू

तम्बाकू, गुटखा और सिगरेट को

मनुज तू छोड़ दे जल्द-से-जल्द

अन्यथा मनुज


आएगा एक दिन ऐसा भी

जब तेरा नामोनिशान

मिट जाएगा इस धरा पर से

बेवक्त ही, हाँ तू न जी सकेगा


ज़िंदगी जी भर

इसलिए जितनी जल्दी हो

छोड़ दे तू बुरी आदतें और

कर तू नई शुरुआत


कर कुछ ऐसा काम

कि ज़िंदगी में हो 

तेरी एक अलग पहचान।


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