बुद्ध का धम्म
बुद्ध का धम्म
चलता रहूंगा बुद्ध के पथ पर,
चलने में माहिर बन जाऊँगा
या तो मंजिल मिल जाएगीं
या फिर अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा.....
बुद्ध का धम्म आज
पुरे विश्व गूंज...रहा
और.....सभी आज
बुद्ध........का धम्म
रहे हैं........ अपना
चलता रहूंगा बुद्ध के पथ पर,
चलने में माहिर बन जाउगा
या तो मंजिल मिल जाएगीं
या फिर अच्छा मुसाफ़िर बन जाउगा.....
भारतीयों को...गर्व
बुद्ध की विश्व शिक्षा
सभी धर्मो से अलग
महान मरते दम तक
रहेगा यह..अभिमान
और.......स्वाभिमान !
चलता रहूंगा बुद्ध के पथ पर,
चलने में माहिर बन जाऊँगा
या तो मंजिल मिल जाएगीं
या फिर अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा.....
जन्मा उस.....धरती
जिस धरती पर जन्में
तथागत भगवान बुद्ध
डॉ बाबा साहेब भीम
चलता रहूंगा बुद्ध के पथ पर,
चलने में माहिर बन जाऊँगा
या तो मंझिल मिल जाएगीं
या फिर अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा.....
१) हर दिन के पल को
चेतनामें .......जियों,
जो पीछे चला गया
उसका ना राग मन
और नाहीं आनेवाले
कलके डूबे सपनोंमें
इसी क्षण....अर्थात
सचेत अवस्था जियों.
२) चार आर्य हैं सत्य
(१) श्रृष्टि जबतक रहेंगीं
दुःख के साथ छाया
(२) दुःख का हैं....कारन
पकड़कर रखना वस्तु
स्वयं से जो हैं.....वस्तु
क्षणभंगुर मार्ग होंगा..?
(३)आवश्यक हैं जगाना
मुक्ति के लिए विवेक
स्वयं को रखों केन्द्रित
चाहे आया दुःख की
सूचना हो या आनंद
परछाई उसके बिच
स्वयं को रखों स्थिर .
(४) मार्ग पर बंधन दुःख के
तुटेगे,परम सत्य....की
होगीं उपलब्धि .
जो जन्मा है उसकी
मृत्यु निच्छित है,
यही सृष्टि......हैं
अटल नियम..है.
३) मन ही सबसे
बड़ा.......शत्रु
अनुचित कार्य
हम जो सोचते
बनते उसीका
.......परिणाम
अच्छे..विचार
अच्छा परिणाम
बुरे विचार बुरा
यह प्रकृति....है
है नियम अटल
४)करुनासेही हम
दुसरे जिव की
पीड़ा समझ कर
उसका दुःख दूर
कर सकते है.
कितनेंभी पुन्य की बाते
पढ़ले कहले जबतक ओं
कृत्य न बन जाये तबतक
..............कोई लाभ नहीं.
६) आत्ममुक्ति के तिन चरण
शीलाचार, ध्यान और ज्ञान
शिलोका आचरण करनेसे
ध्यान साधना है......बढ़ती
ध्यान सधानासे........ज्ञान
शिलोका गहन....आचरण
लोभ, क्रोध,अज्ञान से मुक्त
आत्ममुक्ति, शांति और आनंद
७) जीवन का रहस्य
भय से मुक्त होना