बोस
बोस
सुभाष इतिहास बदलने आये थे
इतिहास बदल कर चले गए
पराक्रम था असीमित
पर आजादी थी सीमित
तोड़ जंजीरें हदें सारी
लड़े दुश्मन से
और गये वो जीत
भारत माता के बेटे ने
दिल्ली चलो के साथ ही
किया आगाज युद्ध का
वीर थे,धीर थे
विश्वास की प्राचीर थे
शपथ प्रधानमंत्री की लेकर
चढ़ आये दिल्ली पर
अंग्रेजो की ईंट बजाकर
पराक्रम अपना दिखाकर
आजादी के लिए फिर
कर दिया जीवन न्योछावर।