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Deepali Mathane

Abstract

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Deepali Mathane

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बीतें कल की यादें.....

बीतें कल की यादें.....

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बीते कल की यादें दिल में ऐसे झिलमिलायें

यादों के जूगनू कभी-कभी हलके से टिमटिमायें


हसी-खूशी से भरी होठों पे कुछ यादें मुस्कुराये

हर यादों में ढूँढ़ रहे सुकून के पल बसाये


बीतें कल की यादों की बरसात मन को भिगायें

कभी-कभी कुछ कडवी यादों की कसक सुलगायें


नूर बरसा के रहमतों का कुछ यादों के सायें

तपतें रेगिस्तान में भी हसीं के गुलिस्ताँ पाएं।



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