बीर सावरकर
बीर सावरकर
राष्ट्र जीवन मौलिक मूल्यों की
गर्जना का उद्भभव नए युग
आवाहन का शंखनाद।।
बचपन की किलकारी नव काल
कलेवर स्वाभिमान भाँगुर
नासिक महाराष्ट्र लोक मान्य मान्यता
स्वराज्य जन्म सिद्ध अधिकार
सिद्ध विनायक कण कण
दर्पण में बसता रिद्धि सिद्धि
धन धान्य।।
मई अठ्ठाईस सन अठ्ठारह सौ
तिरासी महाराष्ट्र नासिक का
भाँगुर गांव विनायक जन्मा
दामोदर की संतान।।
दंश दासता अन्तर्मन की वेदना
कराह भारत के जन जन की
आवाज मगर बेवस लाचार।।
पांव पूत के पालने में
भविष्य की चाल बांध नही
सकती बेड़ी कोई चाहे कोई
करे लाख उपाय।।
लेखक कवि वैरिस्टर संकल्प
साक्ष्य सक्षम वक्त बदलने
की चाल।।
हिन्द हिन्दू राष्ट्र राष्ट्रीयता
नागरिक कर्तव्य दायित्व
बोध का विनायक दामोदर नाम।।
धर्म विकृतियों का प्रबल
विरोधी रूढ़ि रहित सत्य सनातन
का प्रयोगिक व्यवहार धर्म सम्मान।।
सावरकर राष्ट्र चेतना जगरण प्रेरणा
पराक्रम का पुरुषार्थ।।
सावरकर धर्मांध नही धर्म राष्ट्र
जीवन मुलयो की संस्कृति व्यवहार।।
सावरकर स्वतंत्रता की सोच
संजग चिंतन का चरितार्थ।।
सावरकर सिर्फ नाम नही
सावरकर क्रांति शांति धर्म
राष्ट्र नैतिकता की स्वर साधना
का चरित्र महान।