भूलकर
भूलकर
जीत हार भूलकर
सबको गले लगाकर
अकेले ही ज़िन्दगी की हकीकत से रूबरू है
सच झूठ सब छोड़कर ,
सुकून की तलाश में है उलझनों को भूलकर
चार दिन की ज़िन्दगी है
साथ साथ चलो दुश्मनी रंजिशें सब भूलकर।।
जीत हार भूलकर
सबको गले लगाकर
अकेले ही ज़िन्दगी की हकीकत से रूबरू है
सच झूठ सब छोड़कर ,
सुकून की तलाश में है उलझनों को भूलकर
चार दिन की ज़िन्दगी है
साथ साथ चलो दुश्मनी रंजिशें सब भूलकर।।