भगवान का दूसरा रूप।
भगवान का दूसरा रूप।
भगवान का दूसरा रूप है माँ,
उनके लिए दे देंगे जान।
हमको मिलता जीवन उनसे,
प्यार करती वह हमसे।
संस्कार वह हमें सिखाती,
अच्छा बुरा हमें बताती,
हमारी गलतियों को सुधारती।
तबियत अगर हो जाए खराब,
रात-रात भर जगती रहती।
हमारा सिर्फ खयाल ही रखती हैं, तू माँ !
माँ बिना हैं जीवन अधूरा,
खाली-खाली, सुना-सुना।
खाना पहले हमें खिलाती,
बाद में, वह खुद ही कहती।
दुख में हमारे आंसू बहाती,
खुशी में हमारे खुश हो जाती।
दरिया से बड़ा तेरा दिल हैं मेरी माँ,
रब से मिली सबसे बडी देन तू है माँ।
माँ तू नहीं तो क्या जीना,
तू नहीं तो जीवन अधूरा।