बचपन
बचपन
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याद आता है वो बचपन,
जो फिर से जीना चाहती हूँ।
वो स्कूल ना जाने के लिए बहाने बनान,
अगर गए तो घंटो भर आँसू बहाना।
छोटी-छोटी बातों पर झगड़ना,
और ग़लतिया करने पर बहुत सी डांट खाना।
वो 'छोटा भीम' के लिए बहन से लड़ना,
और लड़ते-लड़ते वह रिमोट का टूट जाना।
दोस्तो के साथ घूमने जाना,
हथगाड़ी पै खट्टा-मिट्ठा गोला खाना।
माँ के बेलन से मार खाना,
तो कभी पापा के पीठ पर घोड़ा-घोड़ा खेलना।
लगता था कि मैं कब बड़ी होकर कब मज़े करूँगी,
लेकिन ये पता नहीं था,
कि
मैं बड़ी होकर मेरा बचपन खो दूंगी,
जो वापस कभी नहीं आऐगा।
