STORYMIRROR

Kadambari Kshirsagar

Children Stories

4  

Kadambari Kshirsagar

Children Stories

बचपन

बचपन

1 min
349

याद आता है वो बचपन,

जो फिर से जीना चाहती हूँ।


वो स्कूल ना जाने के लिए बहाने बनान,

अगर गए तो घंटो भर आँसू बहाना।


छोटी-छोटी बातों पर झगड़ना,

और ग़लतिया करने पर बहुत सी डांट खाना।


वो 'छोटा भीम' के लिए बहन से लड़ना,

और लड़ते-लड़ते वह रिमोट का टूट जाना।


दोस्तो के साथ घूमने जाना,

हथगाड़ी पै खट्टा-मिट्ठा गोला खाना।


माँ के बेलन से मार खाना,

तो कभी पापा के पीठ पर घोड़ा-घोड़ा खेलना।


लगता था कि मैं कब बड़ी होकर कब मज़े करूँगी,

लेकिन ये पता नहीं था,

कि

मैं बड़ी होकर मेरा बचपन खो दूंगी,

जो वापस कभी नहीं आऐगा। 


Rate this content
Log in