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Kadambari Kshirsagar

Children Stories

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Kadambari Kshirsagar

Children Stories

बचपन

बचपन

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याद आता है वो बचपन,

जो फिर से जीना चाहती हूँ।


वो स्कूल ना जाने के लिए बहाने बनान,

अगर गए तो घंटो भर आँसू बहाना।


छोटी-छोटी बातों पर झगड़ना,

और ग़लतिया करने पर बहुत सी डांट खाना।


वो 'छोटा भीम' के लिए बहन से लड़ना,

और लड़ते-लड़ते वह रिमोट का टूट जाना।


दोस्तो के साथ घूमने जाना,

हथगाड़ी पै खट्टा-मिट्ठा गोला खाना।


माँ के बेलन से मार खाना,

तो कभी पापा के पीठ पर घोड़ा-घोड़ा खेलना।


लगता था कि मैं कब बड़ी होकर कब मज़े करूँगी,

लेकिन ये पता नहीं था,

कि

मैं बड़ी होकर मेरा बचपन खो दूंगी,

जो वापस कभी नहीं आऐगा। 


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