Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Chanchal Kumar Tiwari

Abstract

4  

Chanchal Kumar Tiwari

Abstract

भगवान हमारे।।

भगवान हमारे।।

1 min
510


भगवान हमारे

जब-जब होती धर्म की हानि,

अनाचार, अत्याचार पैर पसारे,

तब लीलाधर की लीला होती,

आते धारा पर हरि, धर रूप न्यारें,   

मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन,

रूप धर धारा पर भक्तों की मान बढ़ाई,

परशुराम ,राम, कृष्ण रूप धर,

अधर्म की लंका ढाई,


बुद्ध रूप धर, शांति की सीख सिखाई,

बढ़ रहा धारा पर पाप, अधर्म फिर,

आओ कल्कि लो जगत बचाई,

हे ! सहस्त्रार्जुन का मस्तक खंडित करने वाले,

हे ! रेणुका, जमदग्नि के दुलारे,

हे ! परम शिवभक्त,

हे ! परशुधारी, जगत पालनहारे,


पुण्यदिवस है आज तुम्हारा,

हो कहां हे प्रतिपालक परशुराम हमारे,

हो धारा पर ही सबको अवगत कराओ,

त्याग ध्यान, अपनी पुनः परशु उठाओ,

दुष्टों पर दया नही, परशु उठाओ,   

पापियों का मस्तक खंडित कर,


धारा को गंगा जल सा निर्मल बनाओं

करुणामयी हे परशुराम हमारे, 

अपनी क्रोधाग्नि कुछ अधर्मियों पर वर्षाओं,

सनातनियों की लाज बचाओ,

धर्म-मर्यादा की मान बढ़ाओ,


हे ! भक्तवत्सल परशुराम हमारे, 

दो अभय वरदान प्रभु हमारे,

निष्पाप जगत हो जाए,खुशियां सबके घर में आए,

ध्वज सनातनी युगों-युगों तक नभ में फहराएं,

सत्य, धर्म का हो सर्वत्र बोलबाला,

विश्व का नायक हो, भारत देश हमारा।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract