Bharat ka kadam
Bharat ka kadam
कदम को अपने उठाते जाओ ,
तुम अपनी हिम्मत बढ़ा बढ़ा कर।
सदा लगाओ हर एक घर में ,
अलख जगाओ नगर नगर में।
करो अशायत जमाने भर में,
मुसीबतें लाख उठा उठा कर।
छुरी पर अपना कलेजा धर दो,
डरो किसी से ना शेर मर्दों।
मिशन की भट्टी में राख कर दो,
बदन को अपने जला जला कर।
अगर है देश से कुछ मोहब्बत,
करो जहां तक भी हो