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Alok Mishra Alok

Abstract

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Alok Mishra Alok

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Mother's day poem....Maa

Mother's day poem....Maa

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आज भी मां तेरा मुस्कुराना याद है

जब मैंने दस्तक दी तब तेरा मस्कुराना याद है,

अपने ही हाथों से तेरा मुझको उठाना याद है

दुनिया की उन अंधी तूफानो से बचाना याद है,

कब न जाने बड़ा होता गया

आज भी तेरा प्यार जताना याद है,

जब मैंने कुछ भी न कहा था

तब तेरा समझ जाना याद है,

जब कभी गलतियाँ भी मेरी

आप का प्यार से टाल देना याद है,

जिंदगी की गलियों में भी

आप की सीख आज भी याद है,

तूफानो से टकराते सिखाना आज भी याद है

आज भी सोचता ही ये जब भी माँ

आप का वो प्यार जताना याद है।



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