Mother's day poem....Maa
Mother's day poem....Maa
आज भी मां तेरा मुस्कुराना याद है
जब मैंने दस्तक दी तब तेरा मस्कुराना याद है,
अपने ही हाथों से तेरा मुझको उठाना याद है
दुनिया की उन अंधी तूफानो से बचाना याद है,
कब न जाने बड़ा होता गया
आज भी तेरा प्यार जताना याद है,
जब मैंने कुछ भी न कहा था
तब तेरा समझ जाना याद है,
जब कभी गलतियाँ भी मेरी
आप का प्यार से टाल देना याद है,
जिंदगी की गलियों में भी
आप की सीख आज भी याद है,
तूफानो से टकराते सिखाना आज भी याद है
आज भी सोचता ही ये जब भी माँ
आप का वो प्यार जताना याद है।
