भारतके वीर- चंद्रशेखर आजाद।
भारतके वीर- चंद्रशेखर आजाद।
सन 1906 तारीख 23 जुलाई ली थी अंगड़ाई
आदिवासी इलाके में जन्मा था आजादी का दीवाना ।
था वह चन्द्र सा आजाद नाम चन्द्रशेखर आजाद
थे सख्त तेवर बुलंद इरादे
वो रांझा सा करता था इश्क मातृभूमि से।
हृदय में दहकती थी ज्वाला मातृभूमि की आजादी की।
नाम बताते आजाद पिता स्वतंत्रता घर, जेल इंकलाब गहना कपड़ा उनका।
राष्ट्र पर जहाँ होना कुर्बान है सबसे बड़ा त्यौहार।
थे विरले दीवाने आजादी के वो अंतिम सांस तक
बस देखे सपने सलोने अपने राष्ट्र की आजादी के।
देश के लिए खुद से ही प्रतिस्पर्धा करते,
खुद के ही कीर्तिमान को तोड़ो इस चिंगारी को लहू से रोज हवा दो ।
भारत माता की दुर्दशा देख लहू तेरा ना खौले,
तो वो लहू नहीं ,
है पानी किस काम की,
फिर तेरी जवानी है।
थी स्वतंत्रता ही उनका पहला धर्म और मर्यादा ।
स्वतंत्रता ही उनका तप।
वही रिश्तेदार वही महबूबा।
ऐसा इश्क विरले ही कर पाते अंतिम सांस तक
बस देखें सपन सलोने वतन की आजादी के।
भारत के अमर वीरों को कोटि कोटि नमन
जीवन को यज्ञ वेदी बनाकर सबकुछ मातृभूमि के नाम पर स्वाहा कर जाते।
जय हिंद