भारत मां का लाल
भारत मां का लाल


छोड़ चला मैं अपना सब कुछ,
सरहद पर प्यारा हिंदुस्तान मिला
मज़हब की कोई दीवार नहीं
ना मुस्लिम हिंदू का पहचान रहा
मिल गई खुशी जब भारत मां का लाल बना
मैं केवल अपने परिवार का रक्षक था
अब तो पूरे भारत का पहरेदार बना
सांसों की डोर कभी भी टूट जाएगी
मेरी पहचान वीरों की गाथा बन जाएगी
फिर भी मेरी आत्मा यही पुकार लगाएगी
हर जन्म भारत मां का लाल बनाना
मुझे मेरे वतन का अभिमान बनाना
मां की आस आंसुओं में बह जाती है
बेटा कब घर आएगा यही मां कहा करती है
लेकिन मां को पता नहीं अब मैं सिर्फ उसका लाल नहीं
भारत
का रखवाला हूं जवान हूं भारत का सम्मान हूं
ऐसे मेरे भारत को छोड़ तेरे पास कैसे आ जाऊँ
शौर्य का प्रमाण हूं मैं, मां रणभूमि से कैसे पीछे हो जाऊँ
भारत माता का लाल हूं यही कर्ज चुकाना है
भारत भूमि में जन्म मिला इसी का तो गौरव गान गाना है
जी कर भी और मर कर भी तिरंगे का मान बढ़ाना है
हर माता का सपूत सरहद पर आए यह मेरी चाह नहीं
पर मेरे बलिदान का सम्मान करो यह तो मेरी चाह सही
भूल ना जाना सरहद पर सांसों के लिए लड़ने वालों को
उनके त्यागो को बलिदानों को सीमा पर लहू बहाने वालों को
तपस्या से भरा है यह जीवन
मेरे देशवासियों, इसका गौरव गान करो