भारत की नारी
भारत की नारी
झॉककर देखो तुम नारी की ज़िन्दगी को,
उसके हर ग़म और हर खुशी को।
अपमान से भरा था जीवन उसका,
उसकी ही ज़िन्दगी नहीं थी उसकी अपनी,
जबकि वो सारे जग की है जननी।
हर तरफ पुरूषों का ही नाम होता था,
बच्चों को जन्म देना केवल
स्त्री का काम होता था।
आज नारी का बहुत महत्व हो गया है,
पुरूषों की ही भॉति
हर काम में उसका हक़ हो गया है।
हर काम अब वो
पुरूषों जैसा कर सकती है,
अपने हक़ की ख़ातिर
इस दुनिया से अकेले लड़ सकती है।
आज उसके जीवन में
परिवर्तन हो गया है भारी,
ऊँची हो गई है अब वही तुच्छ नारी।
हर जगह आगे बढ़ने का मौका
उसे भी मिला है,अब उसका जीवन
मुस्कुराते हुये फूलों की तरह खिला है।
लेकिन बुरी दशा है नारी की आज भी
हमारे देश के कुछ भाग में,
जल रही है आज भी वो
अशिक्षा रूपी आग में।
देश के हर भाग में
हमें शिक्षा फैलाना है,
उसके उत्थान में हमें
खुद को अब लगाना है।