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Suhas Bokare

Abstract

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Suhas Bokare

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बहाने मौत के!

बहाने मौत के!

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बहाने तो ढहते हैं, झुक जा...

जिंदगी से कहते हैं, रुक जा.


बहानो का लाजमा लिये मौत खनकी है...

हमसे बडी खुश है, हम नौटंकी हैं...


बहानो का बस नही,जिंदगी लंबी है

मिलेंगे जरूर, तुम भी हो, हम भी है।


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